Text of Prime Minister’s ‘Mann kiBaat’ on All India Radio

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Text of Prime Minister’s ‘Mann kiBaat’ on All India Radio

मेरे प्यारे देशवासियो, आप सबको नमस्कार। फिर एक बार मन की बात सेआप सबके साथ जुड़ने का सौभाग्य मुझे मिला है। आज भारत - दक्षिण अफ्रीका केबीच पाँचवा One-day मैच मुम्बई में खेलने जा रहा है। ये सीरीज है जिसका नामगांधी मंडेला’ सीरीज दिया गया है। अभी तक सीरीज रोमांचक मोड़ पर है। दोनोंटीम दो-दो मैच जीत चुकी हैं। और इसीलिये आखिरी मैच का महत्व और ज्यादा बढ़गया है। मेरी सभी खिलाडियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

आज मैं आकाशवाणी के कन्नूर केंद्र के मित्रों को बधाई देना चाहताहूँ। बधाई इसलिए देनी है कि जब मैंने ‘मन की बात’ प्रारंभ की तो कई लोगउससे जुड़ते चले गए। उसमें केरल की एक 12वीं की छात्रा श्रद्धा थामबन जुड़ीथीं। कन्नूर केंद्र ने बाद में उसको बुलाया, और एक समारोह आयोजित किया औरकाफी कुछ feedback का माहौल बना। एक अपनापन का भाव बना। और एक 12वीं कक्षामें पढ़ने वाली श्रद्धा की इस जागरूकता को कन्नूर के आकाशवाणी केंद्र नेसराहा। उसको पुरुस्कृत किया। कन्नूर आकाशवाणी केंद्र की इस बात से मुझे हीप्रेरणा मिल गयी। और मैं चाहूँगा कि देशभर में ऐसे आकाशवाणी केंद्र अगरअपने-अपने इलाके में इस प्रकार से जागरूक और सक्रिय लोगों की तरफ उनकाध्यान जायेगा तो जन-भागीदारी से देश चलाने का हमारा जो मकसद है उसको एक नईताकत मिलेगी। और इसलिये मैं कन्नूर आकाशवाणी केंद्र के सभी साथियों कोह्रदय से बहुत-बहुत अभिनन्दन करता हूँ, बधाई देता हूँ। मुझे फिर से एक बारआज केरल की बात करनी है। केरल के कोच्चि के चित्तूर के Saint Mary Upper-primary School की छात्राओं ने मुझे एक पत्र भेजा है। पत्र अनेक रूपसे विशेष है। एक तो इन बालिकाओं ने अपने अंगूठे के निशान से भारत-माता काएक चित्र बनाया है, बहुत बड़े कपड़े पर। वो भारत-माता का, भारत के नक़्शे कावो चित्र मुझे भेजा है। पहले मैं हैरान था कि उन्होंनें अपने अंगूठे केनिशान से भारत का नक्शा क्यों बनाया। लेकिन मैंने जब उनका पत्र पढ़ा तो मुझेसमझ आया कि कितना बढ़िया symbolic सन्देश उन्होनें दिया है। ये वोबालिकायें हैं जिन्होंने सिर्फ प्रधानमंत्री को जागृत करने का प्रयास कियाहै, ऐसा नहीं है।वो, अपने क्षेत्र में भी, लोगों को जागरूक करने काप्रयास कर रही हैं और उनका मिशन है ‘अंगदान’। Organ donation के लिए वेजन-जागरूकता अभियान चला रही हैं। उन्होंने अनेक स्थानों पर जा करके नाट्यमंचन भी किये हैं, ताकि लोगों में अंगदान की समझ फैले। अंगदान एक वृति औरप्रवृति बने। इन बालिकाओं ने मुझे चिट्ठी में लिखा है, कि आप अपने मन कीबात में organ donation के विषय में लोगों से अपील कीजिये। महाराष्ट्र केक़रीब 80 वर्षीय वसंतराव सुड़के गुरूजी। वो तो हमेशा एक movement चलाते रहतेहैं। वो कहते हैं अंगदान को एक उत्सव बनाना चाहिये। इन दिनों मुझे phone call पर भी काफ़ी सन्देश आते हैं। दिल्ली के देवेश ने भी ऐसा ही एक सन्देशमुझे दिया है। ‘I am very happy with the government initiative on the organ donation and steps towards creating a policy on the same. The country really needs support in these tongues where people need to go out and help each other and the ambitious target of one per million organ donation in a very productive steps taken by the government. यहविषय काफी महत्वपूर्ण है ऐसा मुझे लगता है। देश में प्रतिवर्ष ढाई लाख सेभी अधिक kidney, heart और liver donation की ज़रूरत है। लेकिन सवा-सौ करोड़के देश में हम सिर्फ पाँच हज़ार transplant को ही सफल कर पाते हैं। हर सालएक लाख आँखों की रोशनी की ज़रूरत होती है। और हम सिर्फ़ पच्चीस हज़ार तक पहुँचपाते हैं। चार आँखों की जरूरत हो, हम सिर्फ एक दे पाते हैं। सड़क दुर्घटनामें मृत्यु होने पर शरीर के organ को donate किया जा सकता है। कुछ क़ानूनीउलझनें भी बहुत हैं। राज्यों को भी इस दिशा में मार्गदर्शन करने का प्रयासहुआ है।

कुछ राज्यों ने कागज़ी कार्रवाई को कम करके इसमें गति लाने का काफीअच्छा प्रयास किया है। आज मैं कह सकता हूँ, कि organ donation अंगदान केक्षेत्र में तमिलनाडु अग्रिम पंक्ति में है। कई सामाजिक संस्थाएँ, कई NGOs बहुत ही अच्छा काम इस दिशा में कर रहे हैं। organ transplant को बढ़ावा देनेके लिए Nation Organ and Tissue Transplant Organization (NOTO) कीस्थापना की गई है।एक 24x7 Helpline 1800114770 ये भी सेवा उपलब्ध है। औरहमारे यहाँ तो यह कहा गया है ‘तेन त्यक्तेन भुंजीथा’ त्याग करने का जो आनंदहोता है, उसका बहुत उत्तम वर्णन ‘तेन त्यक्तेन भुंजीथा’ इस मंत्र में है।पिछले दिनों हम सबने टीवी पर देखा था कि दिल्ली के जी.बी. पन्त हॉस्पिटलमें एक गरीब ठेलेवाला, हॉकर, उसकी पत्नी का Liver Transplant किया गया। औरये Liver विशेष इंतज़ाम करके लखनऊ से दिल्ली लाया गया था। और वो ऑपरेशन सफ़लरहा। एक ज़िंदगी बच गयी। ‘अंगदान महादान’।तेन त्यक्तेन भुंजीथा’ इस भावको हम चरितार्थ करें और इस बात को हम अवश्य बल दें।

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